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Amitabh Bachchan Poem for Gangrape victim Damini Amanat girl of India

समय चलते मोमबत्तियां , जल कर बुझ जाएँगी ... श्रद्धा में डाले पुष्प , जल हीन मुर्झा जायेंगे ... स्वर विरोध के और शांति के अपनी प्रबलता खो देंगे ... किन्तु ' निर्भयता ' की जलाई अग्नि हमारे ह्रदय को प्रज्वलित करेगी ... जल हीन मुरझाये पुष्पों को हमारी अश्रु धाराएं जीवित रखेंगी ... दग्ध कंठ से ' दामिनी ' की ' अमानत ' आत्मा विश्व भर में गूंजेगी ... स्वर मेरे तुम , दल कुचलकर पीस न पाओगे ... मै भारत की माँ बहेंनिया बेटी हूँ , आदर और सत्कार की मै हक़दार हूँ ... भारत देश हमारी माता है , मेरी छोड़ो , अपनी माता की तो पहचान बनो !!
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